मोह रूपी विषयों में उलझ कर, भागा-भागा फिरता है। अगले पल की खबर नहीं, बरसों के सपने । मोह रूपी विषयों में उलझ कर, भागा-भागा फिरता है। अगले पल की खबर नहीं, बरसों क...
दिल के अंतस से उपजी एक कविता..... दिल के अंतस से उपजी एक कविता.....
संग कैसे द्वय को तुष्ट करें संग कैसे द्वय को तुष्ट करें
कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो। कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो।
अग्निमय हो गया तो क्या हुआ, बन जा तू अग्निमणि... अग्निमय हो गया तो क्या हुआ, बन जा तू अग्निमणि...
अब ये अखियाँ थक चुकी हैं तुम्हारा इंतजार करते-करते। अब ये अखियाँ थक चुकी हैं तुम्हारा इंतजार करते-करते।